Wednesday, August 12, 2020

COMPUTER क्या है ? कंप्यूटर की बेसिक जानकारी हिंदी में

आज के परिवेश में कंप्यूटर क्या है या कंप्यूटर की परिभाषा क्या है ? ये तो बच्चा बच्चा जानता है किन्तु कितने बदलाव और रिसर्च के बाद आम आदमी तक पंहुचा हैं और आज ये सबकी जीवन का एक अहम् हिस्सा हो गया है | आज यदि कोई कंप्यूटर के बारे में कुछ नहीं जानता तो शायद वह आधुनिकता की दौड़ में पीछे रह गया है | आइये  हम आपको कंप्यूटर की बिस्तृत जानकारी देने का प्रयास करते हैं |

कंप्यूटर क्या है - What is Computer in Hindi :
कंप्यूटर  एक प्रोग्रामेबल इलेक्ट्रॉनिक  डिवाइस है जो दिए गए इंस्ट्रक्शन  को इनपुट के रूप में स्वीकार करता है  तथा  गणितीय और तार्किक क्रियाओं के उपरांत परिणामों को प्रदर्शित करता है। कंप्यूटर के मुख्य रूप से चार  भाग होते है | 
        1. इनपुट -(INPUT UNIT) 
        2. प्रोसेसिंग यूनिट -(PROCESSING UNIT )
        3. स्टोरेज यूनिट - (STORAGE UNIT)
        4.आउटपुट या डिस्प्ले यूनिट - (OUTPUT OR DISPLAY UNIT)

कंप्यूटर क्या है - What is Computer in Hindi
कंप्यूटर क्या है 

कंप्यूटर का फुल फॉर्म क्या है - What is full Form of Computer
कंप्यूटर का कोई भी प्रमाणिक  फुल फॉर्म नहीं है फिर भी इसका फुल फॉर्म निम्नलिखित हो सकता है

C-COMMONLY ,O- OPERATED , M- MACHINE , P- PARTICULARLY ,U- USED FOR,
T-TECHNICHAL AND , E- EDUCATIONAL , R- RESEARCH

कंप्यूटर का इतिहास - Generations of Computer : 
कंप्यूटर की जनरेशन  को मुख्यतः पाँच पीढ़ियों में विभाजित किया गया है |

  • कंप्यूटर की पहली जनरेशन  - First Generation of Computer (1945 to 1956): 
प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर में हजारों वैक्यूम ट्यूब (Vacuum Tubes) का प्रयोग होता था परिणाम स्वरुप ज्यादा एनर्जी का प्रयोग होता था और अधिक मात्र में ऊष्मा निकलती थी | ये कंप्यूटर आकर में बहुत ही बड़े होते थे और ज्यादा महँगे भी | इनमे मशीन लैंग्वेज का प्रयोग होता था |  इस प्रणाली का इनपुट पंच कार्ड  और पेपर टेप पर आधारित था हालाँकि, आउटपुट प्रिंटआउट पर प्रदर्शित किया गया था। पहली पीढ़ी के कंप्यूटर बाइनरी-कोडेड अवधारणा (0-1 की भाषा) पर काम करते थे। J.P.Eckert और  J.W.Mauchy i ने पहला  इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर बनाया जिस्क्स नाम ENIAC ENIAC stands for “Electronic Numeric Integrated And Calculator”.
था |

Electronic Numeric Integrated And Calculator
ENIAC: Electronic Numeric Integrated And Calculator


कंप्यूटर की दूसरी  जनरेशन- Second Generations of Computer (1956 to 1963):
इस पीढ़ी के कंप्यूटर में वैक्यूमट्यूब की जगह ट्रांजिस्टर का प्रयोग होने लगा |ट्रांजिस्टर कम जगह लेते हैं fast हैं और सस्ते भी होते हैं  अतः कंप्यूटर का आकर पहले से कम हो गया तथा energy efficient भी किन्तु heat की समस्या अभी भी बनी रही | इनमे मैग्नेटिक कोर टेक्नोलॉजी का प्रयोग होता था |instruction मेमोरी में स्टोर होता था और machine  और assembly लेवल लैंग्वेज का प्रयोग होता था |जैसे : IBM 7090 ,CDC 3600
Second Generations of Computer
IBM7090

कंप्यूटर की तीसरी जनरेशन- Third Generations of Computer (
1964 – 1971)
बहुत से ट्रांजिस्टर को सिलिकॉन चिप में integrate किया गया और इंटीग्रेटेड सर्किट (integrated circuit) बना |
इस पीढ़ी के कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर का प्रयोग  किया गया | ट्रांजिस्टर के प्रयोग से कंप्यूटर की साइज़ बहुत ही छोटी हो गयी | ये कंप्यूटर कम बिजली का उपयोग करते थे और इनकी  प्रोसेसिंग  पिछले पीढ़ी के कंप्यूटर से फ़ास्ट हो गयी|  इस जनरेशन में कंप्यूटर को यूजर फ्रेंडली बनाने के लिए पहली बार कीबोर्ड (keyboard),मॉनिटर(Monitor) और ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating system) का प्रयोग किया गया | जैसे  :IBM 360 

THIRD GENERATION COMPUTER
IBM-360


कंप्यूटर की चौथी  जनरेशन - Fourth Generations of Computer (
1972 – 2010)
हजारों इंटीग्रेटेड सर्किट (integrated circuit) को एक ही सिलिकॉन चिप के अंदर integrate   करके  माइक्रोप्रोसेसर बनाया गया | इन्ही माइक्रोप्रोसेसर चिप का प्रयोग कंप्यूटर की चौथी  जनरेशन में किया गया | माइक्रोप्रोसेसर चिप के प्रयोग से कंप्यूटर की एफिशिएंसी (efficiency) ,accuracy  और Reliability बढ़ गयी|
ये कंप्यूटर छोटे और पोर्टेबल हो गए जिससे इन्हें कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है | ये दाम में कम और हाई प्रोसेसिंग पॉवर वाले कंप्यूटर हैं | इन कंप्यूटर में GUI (Graphical User Interface) और hand held devices का भी सपोर्ट मिला | 

Fourth generation computer
Desktop Computer

कंप्यूटर की पांचवी जनरेशन -Fifth Generations of Computer : Artificial 
Intelligence (1985 to till now):
इस पीढ़ी के कंप्यूटर में Artificial Intelligence होने के कारण  स्वयं   decision लेने की क्षमता होती है | Artificial Intelligence का प्रयोग Parallel  processing , Quantum mechanics, Nano technology ,speech recognition, Robotics , satellite launching  आदि में Artificial Intelligence का प्रयोग बहुतायत में हो रहा है |
Artificial intelligence


कंप्यूटर का जनक किसे कहा जाता है- Father of Computer:

चार्ल्स बैबेज को कंप्यूटर का जनक कहा जाता है |

















कंप्यूटर कैसे कार्य करता है - How Computer Works 
Basic block diagram of computer
Block diagram of computer


Wednesday, May 27, 2020

जीएसटी क्या है और इसके प्रकार -What is GST in HINDI



कर (Tax ) क्या है ? कर (Tax) किसे कहते हैं ?

टैक्स एक राशि है जिसे आपको सरकार को देना होगा ताकि वह सार्वजनिक सेवाओं के लिए भुगतान कर सके। देश  में स्थित विभिन्न  संस्थाएँ भी तरह-तरह के कर लगातीं हैं।


Tax क्यों लगाया जाता है ? सरकार नागरिकों से टैक्स क्यों वसूलती है?

कोई भी सरकार अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले  लोगों और संस्थानों को जो भी  नागरिक सेवा उपलब्ध कराती है, उन पर उसे काफी रकम खर्च करना पड़ता है. इसमें सड़क, बिजली-पानी से लेकर सुरक्षा और प्रशासन पर आने वाले खर्च शामिल हैं.किसानों और गरीब लोगों को विभिन्न सुविधा पर दी जाने वाली सब्सिडी (subsidy) या मदद आदि भी इन खर्च में शामिल है.
इस खर्च को भारत सरकार दो तरह के कर (tax ) लगाकर पूरा करने के प्रयास करती है. प्रत्यक्ष कर या अप्रत्यक्ष या परोक्ष कर.


कर (Tax) कितने प्रकार का होता है 

Tax मुख्यतः दो प्रकार का होता है –
1-प्रत्यक्ष कर :  पहला लोगों की आमदनी में से कुछ हिस्सा लेना यानी प्रत्यक्ष कर | इनकम टैक्स (IT) या आयकर इसी कैटेगरी में आता है.

2- अप्रत्यक्ष कर :  सेवाओं और वस्तुओं के उपयोग पर टैक्स लगाना यानी अप्रत्यक्ष या परोक्ष कर जैसे : उत्पादन शुल्क, आयात (Import) या निर्यात (Export) में सीमा शुल्क ,(G.S.T.)  आदि |


जी.एस.टी.(G.S.T.)  क्या है? WHAT IS G.S.T. IN HINDI?

गुड्स एंड सर्विसिज़ टैक्स या वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Services Tax) अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था है| इसमें केन्द्र एवम् राज्य सरकारों द्वारा भिन्न-भिन्न दरों पर लगाए जा रहे विभिन्न करों को हटाकर पूरे देश के लिए एक ही अप्रत्‍यक्ष कर प्रणाली लागू की गयी है |  जीएसटी लागू होने के बाद किसी भी सामान और  सेवा पर कर (tax) वहां लगेगा जहां वह बिकेगा |  जीएसटी अलग-अलग स्तर पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी, एडिशनल एक्साइज ड्यूटी,सेंट्रल सेल्स टैक्स, वैट, लक्ज़री टैक्स, सर्विस कर, इत्यादि  की जगह अब केवल जी.एस.टी (GST ) लगता है |

Monday, May 25, 2020

चेक क्या है ? चेक की परिभाषा ? चेक किसे कहते हैं ?

"चेक एक लिखित  दस्तावेज है जो एक बैंक को किसी  खाते से दुसरे खाते में  एक निश्चित धनराशि (जो चेक पर लिखी हो )  का भुगतान करने का आदेश देता है जिसके नाम पर चेक जारी किया गया है।"

चेक मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं –


1.  Open-Cheque or  Bearer-Cheque  खुला चेक या धारक चेक 

खुला चेक या धारक चेक वह चेक है जो खाताधारक  (Account holder) का कोई भी प्रतिनिधि बैंक में जाकर भुना सकता है| प्रतिनिधि को चेक देते समय चेक के पीछे हस्ताक्षर करने की आवश्यकता नहीं होती एवं मात्र चेक दे देने से निकासी हो जाती है |  अगर यह चेक कहीं गायब हो जाय  तो कोई भी बैंक जा कर इसे भुना सकता है.


Sunday, May 24, 2020

बैंकिंग / वित्तीय उद्योग में उपयोग किए जाने वाले महत्वपूर्ण कोड / नंबर


investment

IFSC Code :(Indian Financial System Code)-

IFSC  के घटक हैं:

  • पहले चार alphanumeric character बैंक के नाम को प्रदर्शित करते हैं |
  • पांचवां अंक zero (0) है इसे भविष्य के लिए सुरक्षित रखा गया है |
  • अंतिम 6 character बैंक की शाखा को प्रदर्शित करते हैं |
सभी बैंकों के लिए IFS कोड की एक सूची RBI की वेबसाइट पर देखी जा सकती है। यह आम तौर पर आपके बैंक खाते की पासबुक, चेक बुक पर भी उपलब्ध होता है।

उदाहरण: लखनऊ  में पंजाब नेशनल बैंक की एक शाखा का IFS कोड PUNB0448300 |



MICR (Magnetic Ink Character Recognition /चुंबकीय स्याही वर्ण पहचान)



किसी विशिष्ट बैंक की विशेष शाखा की पहचान करने  वाला एक अद्वितीय कोड है ।बैंक द्वारा  चेक की प्रोसेसिंग  और निकासी को आसान बनाने के लिए इसका उपयोग  किया जाता है।  यह 9 अंकों का कोड है।


Tuesday, May 19, 2020

Demonetization (विमुद्रीकरण या नोटबंदी ) क्या है ?

 Demonetization(विमुद्रीकरण या नोटबंदी ) क्या है ?




नोटबंदी या विमुद्रीकरण का अर्थ है किसी भी देश का केंद्रीय बैंक (जैसे : भारत में भारतीय रिजर्व बैंक) या  सरकार द्वारा बड़े मूल्य के नोटों को बंद करना या उनके प्रयोग पर प्रतिबंध लगाना जिससे उनसे कोई लेन देन नहीं किया जा सकता है, न ही कुछ खरीदा जा सकता है।

Saturday, May 16, 2020

अल्फा कण, बीटा कण एवं गामा विकिरणों की प्रकृति (Nature of α-Particle,β-Particle,𝛾-radiation)

अल्फा कण की प्रकृति:

  1.  हीलियम परमाणु के दोनों  इलेक्ट्रॉनों को निकाल दिया जाए तो  शेष नाभिक अल्फा कण कहलाता है इसे  ₂He⁴ से प्रदर्शित करते हैं। अल्फा कण का द्रव्यमान 6.643×10⁻²⁷  किलोग्राम तथा आवेश +3.2×10⁻¹⁹ कूलाम होता है।
  2. अल्फा कणों का प्रारंभिक वेग रेडियोएक्टिव पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है । किसी एक तत्व के नाभिकों  से उत्सर्जित अल्फा -कणों  का वेग  अर्थात उनकी ऊर्जा परस्पर समान होती है।
  3. जब ये कं गैसों  में से होकर गुजरते हैं तो  गैस का आयनीकरण हो जाता है।
  4. अल्फा कण की बेधन  क्षमता कम होती है। यह एलूमिनियम  के लगभग 0.1  मिलीमीटर मोटी चद्दर को भेद सकता है।
  5. ये धन आवेशित कण हैं और  चुंबकीय तथा विद्युत क्षेत्र मे विक्षेपित हो जाते हैं।
  6. अल्फा कण फोटो प्लेट पर पड़ने पर उसे काला कर देते हैं तथा प्रतिदीप्तिशील  पदार्थों पर पड़ने पर तीव्र चमक  उत्पन्न करते हैं।
  7. अल्फा कण शरीर की जैव कोशिकाओं को नष्ट कर देते हैं अतः अत्यंत हानिकारक होते हैं।

Friday, May 15, 2020

रेडियोएक्टिवता (Radioactivity) क्या है?

रेडियोएक्टिवता (Radioactivity) क्या है? रेडियोएक्टिवता, रेडियोएक्टिवताकी खोज किसने की (Radioactivity in Hindi )-

 कुछ तत्वों के परमाणु के नाभिक ही  अपघटित होते रहते हैं। इस क्रिया में नाभिक से कुछ विकिरण उत्सर्जित होते हैं जिसे नाभिक  का परमाणु क्रमांक( Atomic number)एवं परमाणु द्रव्यमान (Atomic mass)अथवा द्रव्यमान संख्या( Mass number)बदल जाते हैं। इस क्रिया को रेडियोएक्टिव विघटन अथवा क्षय (Decay)कहते हैं। पदार्थ के इस गुण को रेडियो एक्टिवता  कहते हैं
 1896 ईसवी में फ्रांस के वैज्ञानिक हेनरी  बेकेरेल (Henry Becquerel) ने पाया कि यूरेनियम लवण के क्रिस्टल से  स्वतः विकिरण  (Radiation)निकलती है जो कि काले कागज में लिपटी प्लेट को प्रभावित कर देती है। उसी के बाद यह पाया गया कि थोरियम भी उसी तरह का विकिरण उत्सर्जित करती है। इसी क्रम में मैडम क्यूरी (Madam Curie)
और  उनके पति पियरे क्यूरी (Pierre Curie) ने 1898 ईसवी में इन किरणों का अध्ययन किया और उन्होंने  यूरेनियम के खनिज पिचब्लेंड (Pitch blende U₃O₈) से एक नया तत्व रेडियम खोज निकाला। इसके बाद स्वयं मैडम क्यूरी ने भी पिचब्लेंड से पोलोनियम नामक एक अन्य रेडियोएक्टिव तत्व खोजा। बाद में एक्टिनियम भी पिच ब्लैंड से प्राप्त किया गया। रेडियोएक्टिविटी एक नाभिकीय  प्रक्रिया है। प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले रेडियोएक्टिव तत्व वे  हैं, जिनका परमाणु क्रमांक (atomic number) 83 से अधिक (84 से 92) है। इनमें पोलोनियम(84),रेडान (86) ,रेडियम(88) थोरियम (90)तथा यूरेनियम(92) प्रमुख हैं |


Thursday, May 14, 2020

परमाणु का रदरफोर्ड मॉडल (Rutherford Model of an Atom)

रदरफोर्ड का प्रयोग(Rutherford's Experiment)

Rutherford-experiment

 रदरफोर्ड ने सन 1911 में रेडियो एक्टिव पदार्थ पोलोनियम से निर्गत अल्फा कणों की बौछार स्वर्ण धातु की अत्यंत पतली पन्नी पर की तथा निम्नलिखित प्रेक्षण प्राप्त किए-
 1. अधिकांश अल्फा कण स्वर्ण पत्र से होकर ऋजु  रेखा में सीधे निकल जाते हैं ऋजु रेखा में सीधे निकल जाते हैं अर्थात परमाणु के किसी भाग से अल्फा- कणों की टक्कर नहीं होती।
2. कुछ अल्फा -कण अपने मार्ग से विभिन्न दिशाओं में मुड़ जाते हैं तथा मार्ग से कम विक्षेपित होने वाले कणों की संख्या अधिक  विक्षेपित  होने वाले कणों  से बहुत अधिक होती है।
3. अल्फा कणों में बहुत कम (लगभग 20000 में से 1 कण) परमाणु से टकराकर ,अपने मार्ग पर सीधे वापस लौट आते हैं इन कणों की परमाणु के धन आवेशित भाग से सीधी टक्कर होती है, जिससे यह परिवर्तित हो जाते हैं।

बोर का परमाणु मॉडल (Bohr's Atomic Model)

बोर का परमाणु मॉडल(Bohr's atomic model)

 नील्स बोर( Neils Bohr) ने रदरफोर्ड द्वारा प्रस्तुत नाभिकीय मॉडल की कमियों को दूर किया। उन्होंने रदरफोर्ड के नाभिकीय सिद्धांत पर यह दोष लगाया कि उर्जा उत्सर्जन के कारण इलेक्ट्रॉन अपनी कक्षा छोटी करते जाएंगे तथा अंत में नाभिक में पहुंचकर अपना अस्तित्व नष्ट कर देंगे |उन्होंने यह दोष  क्वांटम सिद्धांत( Quantum theory) की सहायता से दूर किया।
 बोर मॉडल की परिकल्पनाएं (Postulates of Bohr's model)

1. परमाणु में एक धन आवेशित नाभिक होता है जिसमे परमाणु का  लगभग संपूर्ण द्रव्यमान निहित होता है।
2. नाभिक के चारों ओर घूमने वाला इलेक्ट्रॉन केवल कुछ विशेष कक्षाओं में ही घूर्णन  कर सकता है। इन्हें स्थाई कक्षाए (Stationary orbits) कहते हैं। यह कक्षाएं ऐसी होती हैं कि इनमें इलेक्ट्रॉन का कोणीय संवेग(Angular momentum) राशि  h/2𝝅 का केवल पूर्ण  गुणित(Integral multiple) ही हो सकता है।[h प्लान्क नियतांक( Planck's constant ) है जिसका मान 6.63×10⁻³⁴जुल-सेकंड होता हैं।]
3. स्थायी  कक्षा में घूमता हुआ इलेक्ट्रॉन विकिरण ऊर्जा का उत्सर्जन नहीं करता।
4. प्रत्येक कक्षा में, उसके कोणीय संवेग के अनुसार, इलेक्ट्रॉन की संपूर्ण (गतिज +स्थितिज) ऊर्जा निश्चित होती है। अर्थात परमाणु की कक्षाओं में इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा  के कुछ निश्चित तथा असतत( Discreet) मान ही संभव होते हैं।
5. जब इलेक्ट्रॉन उच्च कक्षा से निम्न कक्षा(Orbit) में जाता है तो ऊर्जा उत्सर्जित (Radiate)करता है और जब इलेक्ट्रॉन निम्न कक्षा से उच्च कक्षा में जाता है तो ऊर्जा अवशोषित( Absorb)होती है।
 यदि कक्षा की ऊर्जा को E₁ और E₂ से प्रदर्शित किया जाए तथा ऊर्जा स्तर E₂ से E₁ में जाने पर उत्सर्जित विकिरण की आवृत्ति(v)हो तो
                                           E₂-E₁=∆E =hv
परमाणु के ऊर्जा स्तर(Energy Levels of Atom)-  


Bohr-model

Wednesday, May 13, 2020

परमाणु की संरचना (Structure of the Atom) /Fundamental Particles of An Atom/परमाणु के मूल कण

परमाणु के अवयवी कण (Fundamental Particles of an Atom)

 बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में फैराडे ( Faraday), क्रुक्स(Crooks),  जे. जे. थॉमसन( J.J Thomson),रदरफोर्ड(Rutherford) आदि अनेक वैज्ञानिकों के अनुसंधानो  ने डाल्टन के अविभाज्य-परमाणु वाद का खंडन किया और यह प्रमाणित किया कि परमाणु विभाज्य है। उसकी एक निश्चित संरचना होती है तथा उसमें अनेक प्रकार के मूल-कण (Fundamental Particles) पाए जाते हैं। इलेक्ट्रॉन (Electron) ,प्रोटॉन(Proton) तथा न्यूट्रॉन(Neutron) प्रत्येक परमाणु के अवयवी कण होते हैं अर्थात किसी  परमाणु का निर्माण उपयुक्त कणों  कि विभिन्न संख्याओं से होता है।