रदरफोर्ड का प्रयोग(Rutherford's Experiment)
Rutherford-experiment |
1. अधिकांश अल्फा कण स्वर्ण पत्र से होकर ऋजु रेखा में सीधे निकल जाते हैं ऋजु रेखा में सीधे निकल जाते हैं अर्थात परमाणु के किसी भाग से अल्फा- कणों की टक्कर नहीं होती।
2. कुछ अल्फा -कण अपने मार्ग से विभिन्न दिशाओं में मुड़ जाते हैं तथा मार्ग से कम विक्षेपित होने वाले कणों की संख्या अधिक विक्षेपित होने वाले कणों से बहुत अधिक होती है।
3. अल्फा कणों में बहुत कम (लगभग 20000 में से 1 कण) परमाणु से टकराकर ,अपने मार्ग पर सीधे वापस लौट आते हैं इन कणों की परमाणु के धन आवेशित भाग से सीधी टक्कर होती है, जिससे यह परिवर्तित हो जाते हैं।
उपर्युक्त तथ्यों के आधार पर यह निष्कर्ष प्राप्त होते हैं कि-
1. परमाणु का अधिकांश भाग खोखला या रिक्त( Empty space) होता है।
2. परमाणु का धनआवेशित, भाग परमाणु के पूरे आकार की अपेक्षा बहुत कम आकार का होना चाहिए।
3. परमाणु का धन आवेशित भाग उसके केंद्र में अत्यंत सूक्ष्म स्थान में होता है तथा परमाणु का द्रव्यमान भी इसी केंद्रीय भाग में निहित होता है।
4. धनात्मक अल्फा कण तथा परमाणु के धनात्मक केंद्र के बीच प्रतिकर्षण बल की उत्पत्ति में कूलाम के विद्युत बल संबंधी नियम (Coulomb's law of Electrical Force)का अनुपालन होता है।
अल्फा कणों के प्रकीर्णन संबंधी प्रयोगों के आधार पर 1911 में रदरफोर्ड ने एक परमाणु मॉडल की रूपरेखा प्रस्तुत की। इसकी परिकल्पना निम्नवत हैं-
Rutherford-experiment |
(i) परमाणु में उपस्थित समस्त धन आवेश तथा द्रव्यमान (लगभग 99.95) एक अति सूक्ष्म आयतन में केंद्रित रहता है जिसे नाभिक
(nucleus)कहते हैं। नाभिक (nucleus) का व्यास 10⁻¹⁴ मीटर से लेकर10⁻¹⁵ मीटर की कोटि का होता है जबकि परमाणु का व्यास 10⁻¹º मीटर की कोटि का होता है। स्पष्ट है कि परमाणु का अधिकांश आयतन रिक्त स्थान होता है।
(nucleus)कहते हैं। नाभिक (nucleus) का व्यास 10⁻¹⁴ मीटर से लेकर10⁻¹⁵ मीटर की कोटि का होता है जबकि परमाणु का व्यास 10⁻¹º मीटर की कोटि का होता है। स्पष्ट है कि परमाणु का अधिकांश आयतन रिक्त स्थान होता है।
(ii) नाभिक के चारों ओर लगभग10⁻¹º मीटर त्रिज्या के एक गोले में इलेक्ट्रॉन वितरित रहते हैं।
(iii) नाभिक के बाहर स्थित इलेक्ट्रॉनों का समस्त ऋण आवेश नाभिक में उपस्थित धन आवेश के बराबर होता है।
(iv) इलेक्ट्रॉन स्थिर नहीं रहते बल्कि वे नाभिक के चारों ओर वृत्ताकार कक्षाओं(orbit) में घूमते रहते हैं। इसके लिए आवश्यक अभिकेंद्रीय बल इलेक्ट्रॉन तथा नाभिक के पारस्परिक आकर्षण बल से प्राप्त होता है।
रदरफोर्ड परमाणु मॉडल की कमियाँ -
रदरफोर्ड परमाणु मॉडल में निम्नलिखित कमियाँ पायी गयीं -
1. रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल में प्रमुख कमी यह है कि यह परमाणु के स्थायित्व की व्याख्या नहीं करता है। मैक्स वेल (Maxwell)के विद्युत गतिकी( Electrodynamics) के मूलभूत सिद्धांत के अनुसार नाभिक की परिक्रमा करता हुआ ऋण आवेशित इलेक्ट्रॉन विद्युत चुंबकीय तरंगों(Electromagnetic waves) के रूप में ऊर्जा का सतत विकिरण करेगा तो ऊर्जा में निरंतर कमी होने के कारण इलेक्ट्रॉन की चाल कम होती जाएगी और इसके साथ ही इसके कक्षा की त्रिज्या भी लगातार कम होती जाएगी और अंत में इलेक्ट्रॉन नाभिक में गिरकर नष्ट हो जाएगा। परंतु ऐसा नहीं होता है। परमाणु एक स्थाई निकाय(System) है। अतः रदरफोर्ड परमाणु मॉडल से यह स्पष्ट नहीं होता कि परमाणु स्थाई कैसे बना रहता है?
2. रदरफोर्ड परमाणु मॉडल में अलग-अलग कक्षाओं में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या निश्चित नहीं की गई थी।
3. रदरफोर्ड मॉडल के अनुसार हाइड्रोजन एवं अन्य तत्वों का स्पेक्ट्रम सतत( Continuous band)होना चाहिए परंतु वास्तविकता यह है कि तत्वों के स्पेक्ट्रम रेखीय(Line spectrum) होते हैं अर्थात यह प्रक्रम अलग-अलग रेखाओं के समूह होते हैं।
रदरफोर्ड परमाणु मॉडल की कमियाँ -
रदरफोर्ड परमाणु मॉडल में निम्नलिखित कमियाँ पायी गयीं -
1. रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल में प्रमुख कमी यह है कि यह परमाणु के स्थायित्व की व्याख्या नहीं करता है। मैक्स वेल (Maxwell)के विद्युत गतिकी( Electrodynamics) के मूलभूत सिद्धांत के अनुसार नाभिक की परिक्रमा करता हुआ ऋण आवेशित इलेक्ट्रॉन विद्युत चुंबकीय तरंगों(Electromagnetic waves) के रूप में ऊर्जा का सतत विकिरण करेगा तो ऊर्जा में निरंतर कमी होने के कारण इलेक्ट्रॉन की चाल कम होती जाएगी और इसके साथ ही इसके कक्षा की त्रिज्या भी लगातार कम होती जाएगी और अंत में इलेक्ट्रॉन नाभिक में गिरकर नष्ट हो जाएगा। परंतु ऐसा नहीं होता है। परमाणु एक स्थाई निकाय(System) है। अतः रदरफोर्ड परमाणु मॉडल से यह स्पष्ट नहीं होता कि परमाणु स्थाई कैसे बना रहता है?
2. रदरफोर्ड परमाणु मॉडल में अलग-अलग कक्षाओं में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या निश्चित नहीं की गई थी।
3. रदरफोर्ड मॉडल के अनुसार हाइड्रोजन एवं अन्य तत्वों का स्पेक्ट्रम सतत( Continuous band)होना चाहिए परंतु वास्तविकता यह है कि तत्वों के स्पेक्ट्रम रेखीय(Line spectrum) होते हैं अर्थात यह प्रक्रम अलग-अलग रेखाओं के समूह होते हैं।
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