Friday, May 15, 2020

रेडियोएक्टिवता (Radioactivity) क्या है?

रेडियोएक्टिवता (Radioactivity) क्या है? रेडियोएक्टिवता, रेडियोएक्टिवताकी खोज किसने की (Radioactivity in Hindi )-

 कुछ तत्वों के परमाणु के नाभिक ही  अपघटित होते रहते हैं। इस क्रिया में नाभिक से कुछ विकिरण उत्सर्जित होते हैं जिसे नाभिक  का परमाणु क्रमांक( Atomic number)एवं परमाणु द्रव्यमान (Atomic mass)अथवा द्रव्यमान संख्या( Mass number)बदल जाते हैं। इस क्रिया को रेडियोएक्टिव विघटन अथवा क्षय (Decay)कहते हैं। पदार्थ के इस गुण को रेडियो एक्टिवता  कहते हैं
 1896 ईसवी में फ्रांस के वैज्ञानिक हेनरी  बेकेरेल (Henry Becquerel) ने पाया कि यूरेनियम लवण के क्रिस्टल से  स्वतः विकिरण  (Radiation)निकलती है जो कि काले कागज में लिपटी प्लेट को प्रभावित कर देती है। उसी के बाद यह पाया गया कि थोरियम भी उसी तरह का विकिरण उत्सर्जित करती है। इसी क्रम में मैडम क्यूरी (Madam Curie)
और  उनके पति पियरे क्यूरी (Pierre Curie) ने 1898 ईसवी में इन किरणों का अध्ययन किया और उन्होंने  यूरेनियम के खनिज पिचब्लेंड (Pitch blende U₃O₈) से एक नया तत्व रेडियम खोज निकाला। इसके बाद स्वयं मैडम क्यूरी ने भी पिचब्लेंड से पोलोनियम नामक एक अन्य रेडियोएक्टिव तत्व खोजा। बाद में एक्टिनियम भी पिच ब्लैंड से प्राप्त किया गया। रेडियोएक्टिविटी एक नाभिकीय  प्रक्रिया है। प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले रेडियोएक्टिव तत्व वे  हैं, जिनका परमाणु क्रमांक (atomic number) 83 से अधिक (84 से 92) है। इनमें पोलोनियम(84),रेडान (86) ,रेडियम(88) थोरियम (90)तथा यूरेनियम(92) प्रमुख हैं |



रेडियोएक्टिव विकिरण -
RADIOACTIVITY

रेडियोएक्टिव पदार्थों से तीन प्रकार की विकिरण उत्सर्जित होती हैं-

  1. अल्फा विकिरण (α-radiation)-यह धनावेशित सूक्ष्म कणों से बना होता है |
  2. बीटा विकिरण (β-radiation)-यह ऋण आवेशित सूक्ष्म कणों से बना होता है |
  3. गामा विकिरण (ϒ-radiation)-ये किरने विद्युत् उदासीन होती हैं |
रेडियोएक्टिव decay (क्षय )- परमाणुओं से अल्फ़ा ,बीटा और गामा किरणों के उत्सर्जन से पदार्थ का परमाणु क्रमांक तथा परमाणुभार बदल जाता है परिणाम स्वरुप नया पदार्थ प्राप्त होता है जिसका परमाणु क्रमांक तथा परमाणुभार परिवर्तित हो जाता है | इसे ही रेडियोएक्टिव decay (क्षय ) या रेडियोएक्टिव विघटन कहते हैं.जैसे- यूरेनियम से एक अल्फा कं उत्सर्जित होने से थोरियम प्राप्त होता है  अर्थात यूरेनियम का क्षय हो जाता है 

₉₂U²³⁸→₂He⁴ + ₉₀Th²³⁴



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