"चेक एक लिखित दस्तावेज है जो एक बैंक को किसी खाते से दुसरे खाते में एक निश्चित धनराशि (जो चेक पर लिखी हो ) का भुगतान करने का आदेश देता है जिसके नाम पर चेक जारी किया गया है।"
चेक मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं –
1. Open-Cheque or Bearer-Cheque खुला चेक या धारक चेक
खुला चेक या धारक चेक वह चेक है जो खाताधारक (Account holder) का कोई भी प्रतिनिधि बैंक में जाकर भुना सकता है| प्रतिनिधि को चेक देते समय चेक के पीछे हस्ताक्षर करने की आवश्यकता नहीं होती एवं मात्र चेक दे देने से निकासी हो जाती है | अगर यह चेक कहीं गायब हो जाय तो कोई भी बैंक जा कर इसे भुना सकता है.2. Crossed-Cheque क्रॉस्ड चेक / Account-Payee अकाउंट पेयी चेक
क्रॉस्ड चेक (Crossed Cheque ) या Account payee अकाउंट पेयी चेक किसी विशेष व्यक्ति या संस्था के नाम से दिया जाता है और ऊपर बायीं ओर के कोने पर दो समानांतर लाइनें खींच दी जाती हैं जिनके बीच “Account Payee” or “Not Negotiable” लिखा जा सकता है |इस चेक से नकद निकासी नहीं होती और सम्बंधित व्यक्ति/संस्था के खाते में जमा होती है |
4. आदेश चेक – (Order-Cheque)
जब "चेक" के ऊपर लिखा हुआ शब्द "वाहक (bearer)" पेन से काट जाता है और जब उसके स्थान पर "ऑर्डर" नामक शब्द लिखा जाता है, तो ऐसे चेक को ऑर्डर चेक कहा जाता है। ऐसे चेक का भुगतान उस व्यक्ति को किया जाता है जिसका उस पर नाम (payee) लिखा होता हैlचेकों का वर्गीकरण:
चेकों का वर्गीकरण हम तीन प्रकार से कर सकते हैं
- स्थान के आधार पर
- मूल्य के आधार पर
- भुगतान के आधार पर
चेकों का वर्गीकरण स्थान के आधार पर वर्गीकरण
- स्थानीय चेक – Local-Cheque : जिस शहर का चेक हो उसी शहर में Clearance हो तो इसे स्थानीय चेक कहते हैं |
- आउटस्टेशन चेक -Outstation-Cheque : यदि स्थानीय चेक को शहर से बाहर ले जाकर Clearance कराया जाए तो वह चेक आउटस्टेशन चेक कहलायेगा जिसके लिए बैंक fixed चार्जेज लेती है|
- एट पार चेक – At par-Cheque : यह ऐसा चेक है जो पूरे देश में सबंधित बैंक के सभी शाखाओं में स्वीकार किये जाते हैं | इसे बाहर के ब्रांचों में Clearance कराने में कोई additional charges नहीं लगता है |
चेक का वर्गीकरण :मूल्य के आधार पर वर्गीकरण
- साधारण मूल्य वाले चेक (Normal Value Cheques): 1 लाख से कम मूल्य वाले चेक नॉर्मल वैल्यू चेक कहलाते हैं
- ऊँचे मूल्य वाले चेक (High Value Cheques) : 1 लाख से ऊपर वाले चेक हाई वैल्यू चेक कहलाते हैं.
- उपहार चेक (Gift Cheques) :अपने प्रिय जनों को उपहारस्वरूप दिए जाने वाले चेक गिफ्ट चेक कहलाते हैं. उपहार चेकों की राशि 100 रु. से लेकर 10,000 रु. तक हो सकती है.
चेक का वर्गीकरण: गारंटी भुगतान के आधार पर
1. सेल्फ चेक (Self-Cheque)
सेल्फ चेक वह होता है जिसमे खाताधारी द्वारा अपने खाते से स्वयं भुगतान प्राप्त करने के लिए चेक पर भुगतान पाने वाले के नाम की जगह पर “Self” लिखा जाता है |
2. पोस्ट डेटेड चेक (Post-dated-Cheque )
अगर कोई चेक आगे आने वाली तारीख (future date) के लिए जारी किया जाता है तो इस प्रकार के चेक को पोस्ट-डेटेड चेक के रूप में जाना जाता है। इस प्रकार के चेक को उस पर लिखी गयी तारीख से पहले नही भुनाया जा सकता है l
3. पूर्व-दिनांकित-चेक (Ante-dated-Cheque )
यदि किसी चेक पर बैंक में पेश किये जाने से पहले की तिथि लिखी होती है तो ऐसे चेक को पूर्व-दिनांकित चेक (Ante-Dated Cheque) कहा जाता है l इस तरह के चेक की वैद्यता चेक के जारी किये जाने की तारीख से तीन महीने तक होती है।
4. बासी -चेक (Stale-Cheque)
यदि ‘चेक’ जारी होने की तारीख के बाद बैंक के पास कैश होने के लिए पहुंचता है तो इस प्रकार के चेक को बासी चेक कहा हैl इस प्रकार के चेक का भुगतान बैंक द्वारा नही किया जाता है क्योंकि रिज़र्व बैंक के नियमों के हिसाब से कोई भी चेक जारी होने की तारीख से 3 महीने के अन्दर कैश करा लिया जाना चाहिए l
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Nice👍👍👍
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteVery good
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