Demonetization(विमुद्रीकरण या नोटबंदी ) क्या है ?
नोटबंदी या विमुद्रीकरण का अर्थ है किसी भी देश का केंद्रीय बैंक (जैसे : भारत में भारतीय रिजर्व बैंक) या सरकार द्वारा बड़े मूल्य के नोटों को बंद करना या उनके प्रयोग पर प्रतिबंध लगाना जिससे उनसे कोई लेन देन नहीं किया जा सकता है, न ही कुछ खरीदा जा सकता है।
नोटबंदी की जरूरत क्यों होती है ?
आम जनमानस के मन में उठने वाला बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न है की , " आखिर किसी भी देश को नोटबंदी या विमुद्रीकरण की आवश्यकता क्यों पड़ती है?"
१-जब देश में कालाधन की जमाखोरी और जाली नोटों के कारोबार में अधिकता होने लगती है तब नोटबंदी या विमुद्रीकरण की आवश्यकता पड़ती है ।
२-लोग टैक्स की चोरी के उद्देश्य से नगद लेनदेन ज्यादा करते हैं जिनमें ज्यादातर बड़े नोट का प्रयोग होता है । भ्रष्टाचार, काला-धन, नकली नोट, और आतंकवादी गतिविधियों पर काबू पाने के लिए नोटबंदी का उपयोग किया जा सकता है।
3-समानांतर अर्थव्यवस्था।
4.भ्रष्टाचार के कारण आम जनता त्रस्त।
भारत में नोट बंदी का इतिहास
1946 : 1946 में, भारतीय रिजर्व बैंक ने रुपये का विमुद्रीकरण किया था। 500 रूपये , 1000 रूपये और 10 हजार रूपये के नोटों को बंद करने का फैसला लिया गया था|
1954: 1954 में, सरकार ने 1,000 रूपये 5,000रूपये और 10000 रुपये के नए मुद्रा नोट पेश किए।
1978: तत्कालीन मोराजी देसाई सरकार ने रुपये 1,000, रूपये 5,000, और रूपये 10,000 रूपये के नोटों को बंद करने का फैसला लिया गया था|
2016: 8 नवम्बर 2016 प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने रूपये 500 और रूपये 1000 के नोटों की नोटबंदी या विमुद्रीकरण का फैसला लिया |
विमुद्रीकरण के लाभ और हानियाँ
लाभ :
- काला धन को बाहर लाने में मदद मिलती है|
- आतंकबाद और नक्सलवाद की घटनाओं में कमी होती है |
- टैक्स चोरी में कमी होती है |
- बैंको में नकदी की समस्या नहीं होती |
- रीयल स्टेट की कीमतें घाट जाती हैं |
हानि :
- देश में आपातकाल जैसी स्थिति हो जाती है |
- आम आदमीके पास नकदी न होने से अनेक समस्याओं से जूझना पड़ जाता है |
O i see that why note bandi hue the
ReplyDeleteIndia me.
Usefull knowledge
Thanks for your comments
DeleteThank you sir for sharing..
ReplyDeleteHi anuranjan.keep in touch
DeleteGood knowledge
ReplyDeleteThank you
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