Monday, May 11, 2020

तरंग गति (wave motion)

waves
तरंग










तरंग गति (wave motion )-

यदि किसी शांत जल में पत्थर का टुकड़ा फेका जाय तो जल की सतह पर तरंग बनना प्रारंभ हो जाती है जो पत्थर के गिरने के बिंदु के चारो ओर वृत्ताकार रूप में किनारे तक आती दिखाई पड़ती है |पत्थर द्वारा शांत जल में उत्पन्न विक्षोभ की गति को तरंग गति कहते है |

उदाहरण- एक कार्क का टुकड़ा जो की पानी में तैर रहा हो उससे कुछ दुरी पर एक पत्थर के गिराने से उस बिंदु पर जल के कण  के कण नीचे की ओर दब  है और विक्षोभ के कारण वह पर स्थित जल के कण और कार्क ऊपर निचे गति करने लगते है परन्तु तरंग पानी के तल पर क्षैतिज दिशा में आगे बढ़ती है किन्तु कार्क का टुकड़ा अपने ही स्थान पर ऊपर निचे दोलन करता है किन्तु आगे नही बढ़ता है |अतः किसी पदार्थ (ठोस ,द्रव ,गैस )के कणों के नेट विस्थापन के बिना ,पदार्थ के कणों में किसी विक्षोभ के आगे बढ़ने की क्रिया को तरंग गति कहते है |

तरंग की परिभाषा (Definition of wave)-
"तरंग किसी भौतिक माध्यम में उतपन्न वह विक्षोभ है जो अपना स्वरुप बिना बदले माध्यम में एक निश्चित चाल  से आगे बढ़ता है "

तरंग गति की परिभाषा (Definition of wave motion)-
"तरंग के किसी माध्यम में चलेने की घटना को तरंग गति कहते है "

तरंग गति की विशेषताए (Characteristics of wave motion)-
1-तरंग के संचरण के लिए एक ऐसे पदार्थिक माध्यम का होना आवश्यक है जिसमे प्रत्यास्थता एवम् जडत्व के गुण हो |

2-तरंग गति में माध्यम के कण अपनी माध्य स्थितियों के परितः ही कंम्पन करते है |

3-विक्षोभ का वेग नियत रहता है |

4-विक्षोभ एक निश्चित चाल से एक कण से दुसरे कण को स्थान्तरित होते हुए आगे बढ़ता है |



यांत्रिक तरंगे (Mechanical waves)-
किसी पदार्थ (ठोस ,द्रव ,गैस )के कणों के दोलन से उत्पन्न तरंगो को यांत्रिक तरंगे कहते है |

यांत्रिक तरंगो के संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है अर्थात "यांत्रिक तरंगे निर्वात में संचरित नही हो सकती |"

यांत्रिक तरंगो के प्रकार (Types of mechanical waves)-

longitudinal-waves
अनुदैर्ध्य-तरंग 
transverse wave
अनुप्रस्थ-तरंग 

यांत्रिक तरंगे २ प्रकार की होती है -

१-अनुप्रस्थ तरंगे 

२-अनुदैर्ध्य तरंगे 

अनुप्रस्थ तरंगे  (Transverse waves)-
"जब किसी माध्यम में तरंग के संचरित होने पर माध्यम के कण तरंग के चलने की दिशा में लम्बवत कम्पन करते है ,तो तरंग को अनुप्रस्थ तरंगे कहते है "उदाहरण के लिए -जब हम रस्सी के एक सिरे को हुक से बांध कर दुसरे सिरे को ऊपर- निचे हिलाते है तो रस्सी में उसकी लम्बाई की दिशा में तरंगे संचरित होने लगती है रस्सी में उत्पन्न अनुप्रस्थ तरंग है |

अनुदैर्ध्य तरंगे (Longitudinal waves)-
"जब किसी माध्यम में तरंग के संचरित होने पर माध्यम के कण तरंग के चलने की दिशा के अनुदिश कम्पन करते है तो उस तरंग को अनुदैर्ध्य तरंग कहते है|"  उदाहरण के लिए -एक लम्बी स्प्रिंग के एक सिरे को दीवाल से बांध कर तथा दुसरे को हाथ से पकड़ कर आगे पीछे करने पर स्प्रिंग लम्बाई के अनुदिश कम्पन करने लगता है अतः स्प्रिंग में अनुदैर्ध्य तरंगे संचरित होने लगती है |

तरंग से सम्बंधित कुछ परिभाषाएँ (Some definitions regarding waves)-






1-आयाम (Amplitude)-

तरंग के मार्ग में माध्यम के कणों के दोलन में माध्य स्थिति से अधिकतम विस्थापन को तरंग का आयाम कहते है |इसे( a) से प्रदर्शित करते है |


2-आवर्तकाल (Time period)-

माध्यम का कोई भी कण एक कम्पन्न पूरा करने में जितना समय लेता है उसे अवार्तकाल कहते है इसे( T)से प्रदर्शित करते है |


3-आवृत्ति (Frequency)-

माध्यम का कोई भी कण एक सेकेंड में जितना कम्पन  करता है उस संख्या को उसकी आवृत्ति कहते है |


4-कला (Phase)-

कम्पन करते हुए  किसी कण की किसी क्षण कला ,उस क्षण कण की स्थिति तथा गति की दिशा को प्रकट करती है |यदि माध्यम के २ कण किसी समय एक ही दिशा में सामान दूरियों पर हो तो तथा एक ही दिशा में गतिशील हो तो वे दोनों समान कला में कहलाते है |


5-तरंग दैर्ध्य (Wavelength)- 

माध्यम के किसी भ कण के एक पुरे कम्पन के समय में तरंग जितनी दूरी तय करता है उसे तंग दैर्ध्य कहते हैं |

अनुप्रस्थ तरंग में किन्ही दो पास-पास वाले श्रृंगों अथवा गर्तों के बीच की दूरी तरंग दैर्ध्य कहलाती है|


अनुदैर्ध्य तरंग में किन्ही दो पास-पास वाले अधिकतम संपीडन अथवा अधिकतम विरलन वाले दो कणों के बीच की दूरी को तरंग दैर्ध्य कहते हैं | इसे λ से प्रदर्शित करते हैं | 

6-तरंग चाल (Wave speed)-

तरंग द्वारा दूरी तय करने की दर को "तरंग की चाल" कहते हैं |

आवृत्ति ,चाल तथा तरंग दैर्ध्य में सम्ब न्ध - 

माना कि सी तरंग की आवृत्ति n तथा आवर्त काल T है एवं तरंग दैर्ध्य λ हो तो 

T सेकंड में तरंग द्वारा गयी दूरी =λ

1 सेकंड में तरंग द्वारा गयी दूरी=λ/T

अतः 1 सेकंड में तरंग द्वारा गयी दूरी= तरंग की चाल 

                                         V=λ/T

                                         V=1/T×λ

                                          V=n λ

                                     चाल =आवृत्ति × तरंग दैर्ध्य                                                   


                                     


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