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force |
बल-
हम अपनेआस - पास के वस्तुओ को गति करते हुवे देखते है|बैलगाड़ियाँ,मोटरकारें ,रेलवे ट्रेन ,साइकिल आदि गति करते हैं |गाड़ी को गतिमान करने के लिए बैल उसे खीचते हैं |रेलवे ट्रेन को इन्जेन खिचता हैं अर्थात सभी स्थिर वस्तुवे खीचने अथवा धकेलने से ही गतिमान होती हैं |खीचने कि प्रक्रिया को आक्रसर बल तथा धकेलने कि प्रक्रिया को प्रतिकर्षण बल कहते हैंअतः बल वह वाह्यकारक है जो किसी वस्तु कि स्थिति में परिवर्तन करता है या करने का प्रयास करता हैं यह एक सदिश राशी हैं तथा इसका SI पद्धति में मात्रक न्यूटन है |बल के प्रकार -बल के निम्नलिखित प्रकार हैं :
१-सम्पर्क बल
२-असम्पर्क बल
१-सम्पर्क बल - वे बल जो वस्तुवो के वास्तविक संपर्क में आने के कारण कार्य करते हैं उन्हें संपर्क बल कहते है जैसे -घर्षण बल ,प्रत्यास्थ बल |
घर्षण बल -
दो तलों के बीच सापेक्षिक स्पर्शी गति का विरोध करने वाले बल को घर्षण बल कहते हैं |इस बल का मान दोनों तलों के बीच अभिलम्ब बल पर निर्भर करता है।घर्षण के दो प्रकार हैं: स्थैतिक और गतिज। स्थैतिक घर्षण दो पिण्डों के संपर्क-पृष्ठ की समान्तर दिशा में लगता है, लेकिन गतिज घर्षण गति की दिशा पर निर्भर नही करता।
प्रत्यास्थ बल -
आंकिक रूप से स्थायी परिवर्तन लानेवाला, इकाई क्षेत्र पर लगनेवाला, न्यूनतम बल ही प्रत्यास्थ बल कहलाता है।२- असंपर्क बल
दो वस्तुओं के बीच कार्य करने वाला वह बल जो संपर्क में न हों ,असंपर्क बल कहलाता है। जैसे :गुरुत्वाकर्षण बल ,विद्युतीय बल , चुम्बकीय बल आदि।गुरुत्वाकर्षण बल (gravitational force)-
ब्रह्माण्ड में किन्ही दो पिंडों के बीच कार्य करने वाले आकर्षण बल को गुरुत्वाकर्षण बल कहते हैं | न्यूटन ने सर्वप्रथम गुरुत्वाकर्षण की खोज की|
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